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Lokmanya Tilak Rashtriya Puraskar 2023 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिला

Lokmanya Tilak Rashtriya Puraskar 2023 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिला


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2023-08-01 : हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी को लोकमान्य तिलक ट्रस्ट की तरफ से 41वें लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार (Lokmanya Tilak Rashtriya Puraskar 2023) से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए काम किया है और जिनके योगदान को उल्लेखनीय एवं असाधारण कार्य के तौर पर देखा जा सकता है। यह पुरस्कार हर साल एक अगस्त को लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर दिया जाता है।

About Lokmanya Tilak Rashtriya Puraskar In Hindi :



◉ इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1983 में हुई थी।

◉ यह पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों के व्यक्तियों को देश में उनके योगदान के लिए दिया जाता है।

◉ इस पुरस्कार के तहत एक स्मृति चिन्ह, एक प्रमाण पत्र और 1 लाख रुपये दिए जाते हैं।

◉ नरेन्द्र मोदी से पहले यह पुरस्कार इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह समेत अन्य प्रधानमंत्रियों को दिया जा चुका है।

Biography Of Bal Gangadhar Tilak In Hindi :



बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र स्थित रत्नागिरी जिले के गांव चिखली में हुआ था। बाल गंगाधर के बचपन का नाम "बलवंत राव" था लेकिन उनके देश के लिए किए गए कामों के देखते हुए लोकमान्य (bal gangadhar tilak slogan) की उपाधि दे दी गई। वे पहले ऐसे कांग्रेसी नेता थे जिन्होंने हिन्दी को राष्ट्र भाषा स्वीकार करने की मांग की थी।

तिलक शुरू से ही (bal gangadhar tilak history) अंग्रजों की दमनकारी नीतियों को प्रखर विरोधी रहे हैं। ऐसे में उन्हें भी कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा। लोकमान्य तिलक को पहली साल 1897 में राजद्रोह के नाम पर जेल भेजा गया। हालाँकि इस जेल यात्रा ने तिलक की क्षमता को और मजबूत किया और जनता का भारी समर्थन मिला। इसके बाद से ही इन्हे लोकमान्य की उपाधि दे दी गई।

01 अगस्त 1920 ई. को मुंबई में उनकी मृत्यु (bal gangadhar tilak death) हो गयी। तिलक की मृत्यु पर महात्मा गांधी ने कहा- ‘हमने आधुनिक भारत का निर्माता खो दिया है।’ वे पहले ऐसे कांग्रेसी नेता थे जिन्होंने हिन्दी को राष्ट्र भाषा स्वीकार करने की मांग की थी।

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