अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (International tiger day) मनाया गया
2019-07-29 : हाल ही में, विश्व भर में 29 जुलाई 2019 को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया गया। यह दिवस जागरूकता दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। विभिन्न देशों में अवैध शिकार एवं वनों के नष्ट होने के वजह से बाघों की संख्या में काफी गिरावट आई है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य जंगली बाघों के निवास के संरक्षण और विस्तार को बढ़ावा देने के साथ बाघों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इनकी तेजी से कम हो रही संख्या को नियंत्रित करना बहुत ज़रूरी है, नहीं तो ये खत्म हो जाएंगे। ध्यान दे की अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाने का फैसला साल 2010 में सेंट पिट्सबर्ग बाघ समिट में लिया गया था क्योंकि तब जंगली बाघ विलुप्त होने के कगार पर थे। इस सम्मेलन में बाघ की आबादी वाले 13 देशों ने वादा किया था कि साल 2022 तक वे बाघों की आबादी दुगुनी कर देंगे।
वहीँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर बाघों की संख्या पर रिपोर्ट जारी की है। देशभर में बाघों की संख्यों को लेकर आंकड़ा जारी किया गया है। नए आंकड़ों के अनुसार, देश में बाघों की संख्या 2967 पहुंच गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन 2018 जारी किया। इसके अनुसार साल 2014 के मुकाबले बाघों की संख्या में 741 बढ़ोत्तरी हुई है। बाघों की गणना को लेकर इससे पहले साल 2006, साल 2010 और साल 2014 में रिपोर्ट जारी हो चुकी है। देश में बाघों के संरक्षण का यह काम राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) की देखरेख में ही चल रहा है।
यह भी ध्यान दे की भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ को कहा जाता है। बाघ देश की शक्ति, शान, सतर्कता, बुद्धि तथा धीरज का प्रतीक है। बाघ भारतीय उपमहाद्वीप का प्रतीक है। यह उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को छोड़कर पूरे देश में पाया जाता है। विश्वभर में बाघों की कई तरह की प्रजातियां मिलती हैं। इनमें 6 प्रजातियां मुख्य हैं। इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ तथा साउथ चाइना बाघ शामिल हैं।