उत्तराखंड में खुला भारत का पहला ‘घास संरक्षण केंद्र’
2021-11-17 : हाल ही में, भारत का पहला घास संरक्षण केंद्र (Grass Conservatory) उत्तराखंड के रानीखेत में खुला है। पाठकों को बता दे की यह घास संरक्षण केंद्र करीब 2 एकड़ में फैला हुआ है। और इस संरक्षण क्षेत्र में लगभग 100 विभिन्न घास प्रजातियों का संरक्षण/प्रदर्शन किया गया है। इस केंद्र का उद्देश्य घास प्रजातियों के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना, संरक्षण को बढ़ावा देना और इन प्रजातियों में और अनुसंधान की सुविधा प्रदान करना है।
बात करें उत्तराखंड की तो यहां 2000 मीटर की ऊंचाई तक खड़ी पहाड़ियों, नालों और नदियों के रेतीले किनारों के साथ पाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण चारा घास है। इसके सूखे फूलों का स्टॉक झाड़ू के रूप में उपयोग किया जाता है। बारहमासी प्रजाति होने के कारण इसे साल भर हरे चारे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और खड़ी पहाड़ियों पर मिट्टी के कटाव को रोकने में भी मदद करता है और इसका उपयोग खराब भूमि के पुनर्वास में किया जाता है।