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असम सरकार ने आस्था और संस्कृति के संरक्षण हेतु नया विभाग सृजित करने की घोषणा की
2021-07-13 : हाल ही में, असम राज्य सरकार ने आदिवासियों और अन्य मूल निवासी समुदायों के लोगों की आस्था और संस्कृति के संरक्षण हेतु नया विभाग सृजित करने की घोषणा की है। यह नया विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य के मूल निवासियों को जरूरी सहयोग प्रदान करते हुए उनकी आस्था और परंपराओं का संरक्षण किया जाए।
ध्यान दे की असम के निवासियों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है, अर्थात जनजातीय जनसंख्या, गैर-जनजातीय जनसंख्या और अनुसूचित जातियां। जनजातीय समुदाय में जातीय-सांस्कृतिक समूह जैसे कछारी (बोडो), मिरि, देओरी, रभा, नागा, गारो, खासी आदि शामिल हैं। गैर-जनजातीय समूहों में अहोम, कायस्थ, कलिता, मोरन, मुत्तक, चुटिया आदि शामिल हैं। विस्थापित होकर असम में बसने वालों में ज्यादातर बंगाल, बांग्लादेश, बिहार, उत्तर प्रदेश,नेपाल और राजस्थान से थे। एक अन्य समूह "बगनिया" के नाम से जाना जाता था, जिन्हें ब्रिटिश शासन में चाय उत्पादकों द्वारा बंगाल, बिहार, ओडिशा, और मध्य प्रदेश से लाया गया था।