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उत्तराखंड सरकार ने ‘वेस्ट टू एनर्जी’ नाम से एक पहल की शुरुआत की

उत्तराखंड सरकार ने ‘वेस्ट टू एनर्जी’ नाम से एक पहल की शुरुआत की


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2020-07-23 : हाल ही में, उत्तराखंड राज्य सरकार ने ‘वेस्ट टू एनर्जी’ नाम से एक पहल की शुरुआत की है। इसके तहत राज्य सरकार राज्य में उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट को बिजली में परिवर्तित करने का कार्य करेगी। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों के अनुसार, वर्तमान में उत्तराखंड में प्रतिदिन 900 टन अपशिष्ट पैदा होता है। उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UEPPCB) के अनुसार, राज्य में उत्पन्न अपशिष्ट के माध्यम से लगभग 5 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकती है और राज्य में प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सकता है। इस पहल का उद्देश्य राज्य में ठोस अपशिष्ट के निपटान के लिये लैंडफिल की अनुपलब्धता की समस्या को भी हल करना है।

वैसे ‘वेस्ट टू एनर्जी’ में पर्यावरण भी एक चुनौती है और इस वजह से देश के कई पावर प्लांट बंद भी हुए। सरकार का कहना है कि तकनीक के रूप में इस समस्या का समाधान संभव है और इस पहलू को भी ध्यान में रखा जा रहा है। इसमें इन्सीनरेटर के जरिये कूड़ा जलाया जाता है और उससे पैदा होने वाली गर्मी से टरबाइन चलाकर बिजली पैदा की जाती है। एक लैंडफिल से मीथेन गैस को लाकर उसे जलाकर भी बिजली पैदा की जा सकती है।

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