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मिंटी अग्रवाल बनी युद्ध सेवा मेडल पाने वाली भारत की पहली महिला
2020-10-09 : हाल ही में, अंबाला की मिंटी अग्रवाल (Minty Agarwal) ने युद्ध सेवा मेडल पाकर इतिहास रच दिया। पाठकों को बता दे की यह पुरस्कार हासिल करने वाली पहली महिला बनने पर जहां मिंटी के नाम को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। अपनी बहादुरी व समझदारी की बदौलत बालाकोट एयर स्ट्राइक में अभिनंदन के संग एफ-16 गिराने के साथ-साथ अहम भूमिका निभाने के लिए यह पुरस्कार मिला।
मिंटी अग्रवाल (Minty Agarwal) के बारें में :-
# दुर्गा नगर में मिंटी अग्रवाल का पैतृक मकान है।
# मिंटी बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रही।
# उसने एयरफोर्स पब्लिक स्कूल से वर्ष 2004 में 12वीं पास की, जिसके बाद वह एसडी कॉलेज में बीएससी मेडिकल स्ट्रीम में एडमिशन लिया।
# इसके बाद वर्ष 2011 में एसएससी के माध्यम से एयरफोर्स में कमिशन हासिल किया।
# मिंटी का सिलेक्शन एडमिशन सेक्शन में हुआ था, मगर एयर डिफेंस कॉलेज में वह मेरिट पर आई जिस कारण उन्हें एयर फाइटर कंट्रोलर विंग में लाया गया।
युद्ध सेवा मेडल के बारें में :-
# युद्ध सेवा मेडल देने की शुरुआत 26 जून 1980 को हुई थी।
# यह मेडल युद्ध, संघर्ष या विषम परिस्थितियों में असाधारण बहादुरी दिखाने के लिए दिया जाता है।
# 35 सेंटीमीटर के व्यास वाला यह मेडल सोने से बना होता है।
# सोने के रंग वाली पट्टी में गुंथे इस मेडल के एक तरफ सितारे की आकृति बनी होती है, दूसरी तरफ भारत सरकार के राष्ट्रीय चिह्न के साथ हिंदी और अंग्रेजी में ‘युद्ध सेवा मेडल’ लिखा होता है, ये वीरता पुरस्कार से अलग होता है।